लोन लेना क्यों है आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग का अहम हिस्सा?
Introduction:-
आज के समय में लोन सिर्फ़ एक कर्ज़ नहीं, बल्कि वित्तीय स्ट्रेटजी का हिस्सा बन गया है। चाहे आप घर बनाना चाहते हों, बच्चों को विदेश में पढ़ाना चाहते हों, या बिज़नेस को नई ऊँचाइयों पर ले जाना चाहते हों — लोन आपकी मदद कर सकता है। लेकिन, "गलत लोन चुनना" आपको लोन के जाल में फँसा सकता है। इस आर्टिकल में, हम आपको बताएंगे:
कैसे चुनें अपने फाइनेंशियल गोल्स के हिसाब से सही लोन?
किन बातों का रखें ध्यान ताकि EMI का बोझ न बने?
लोन के साथ निवेश की स्मार्ट स्ट्रेटजी क्या है?
और भी बहुत कुछ...
वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार लोन के प्रकार — क्या है आपके लिए बेस्ट?
1. घर खरीदने का सपना पूरा करे होम लोन
क्यों है बेस्ट?
कम ब्याज दर: 7-8.5% प्रति वर्ष (अन्य लोन्स से 3-4% कम)।
टैक्स बेनिफिट: सेक्शन 80C (1.5 लाख तक) और सेक्शन 24 (2 लाख तक ब्याज पर छूट)।
लॉन्ग टेन्योर: 15-30 साल में चुकाने का लचीलापन।
कैसे बढ़ाएँ फायदा?
PMAY स्कीम का उपयोग करें: 2.67 लाख तक की सब्सिडी (सालाना आय 18 लाख तक वालों के लिए)।
प्रॉपर्टी का चुनाव: बजट के हिसाब से लोन-टू-वैल्यू रेश्यो (LTV) 80% तक मिलेगा।
उदाहरण:
अगर प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख है, तो 80% LTV पर 40 लाख का लोन मिलेगा। EMI (8.5% ब्याज, 20 साल पर) ≈ ₹34,700/महीना।
2. बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन
क्या खास है?
मोरेटोरियम पीरियड: कोर्स पूरा होने के 6 महीने बाद तक EMI शुरू नहीं होती।
कवरेज: ट्यूशन फीस, होस्टल, यात्रा, यहाँ तक कि लैपटॉप खरीदना भी।
ब्याज दर: सरकारी बैंकों में 7.5-9%, प्राइवेट बैंकों में 10-12%।
टिप्स:
कोर्बर्ट स्कीम: 7.5 लाख तक के लोन पर सरकार ब्याज सब्सिडी देती है।
सिक्योरिटी: 4 लाख से अधिक के लोन पर पैरेंट्स को गारंटर बनाना पड़ता है।
कैलकुलेशन:
20 लाख का लोन (9% ब्याज, 10 साल) की EMI ≈ ₹25,300/महीना।
3. मेडिकल इमरजेंसी या शादी के लिए पर्सनल लोन
फायदे vs नुकसान:
कब चुनें?
पर्सनल लोन: अगर CIBIL स्कोर 750+ है और जल्दी पैसा चाहिए।
गोल्ड लोन: अगर ब्याज दर कम चाहिए और गोल्ड रखने की सुविधा हो।
4. कार या बाइक खरीदने के लिए ऑटो लोन
क्यों बेहतर है?
ब्याज दर: 7-8.5% (पर्सनल लोन से 5% कम)।
टेन्योर: 3-7 साल (EMI हल्की रखने के लिए)।
कवरेज: नई/पुरानी गाड़ी, दोपहिया, यहाँ तक कि इलेक्ट्रिक व्हीकल भी।
सावधानियाँ:
डाउन पेमेंट: कम से कम 15-20% दें ताकि लोन अमाउंट कम हो।
इंश्योरेंस: कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी लेना ज़रूरी है।
5. बिज़नेस बढ़ाने के लिए लोन: क्या है बेस्ट?
वर्किंग कैपिटल लोन
उद्देश्य: रोज़मर्रा के खर्च (जैसे स्टॉक खरीदना, कर्मचारियों की सैलरी)।
ब्याज दर: 12-18% (टर्नओवर के आधार पर)।
मुद्रा लोन (MSME के लिए)
फायदे: 10 लाख तक बिना गारंटी, 7.05% ब्याज दर।
योग्यता: छोटे दुकानदार, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स।
लोन चुनते समय इन 7 बातों को न भूलें!
CIBIL स्कोर चेक करें: 750+ होने पर कम ब्याज दर मिलेगी।
प्रोसेसिंग फीस कैलकुलेट करें: कुछ बैंक 2% तक चार्ज करते हैं।
लोन टेन्योर का असर:
5 साल के लोन पर EMI: ₹21,000
7 साल पर: ₹16,000 (लेकिन कुल ब्याज 2 लाख अधिक!)
फ्लोटिंग vs फिक्स्ड रेट:
फ्लोटिंग रेट (RBI के रेट्स के साथ बदलती है) — अगर ब्याज दर घटने की उम्मीद हो।
फिक्स्ड रेट — अगर बजटिंग को स्थिर रखना चाहते हैं।
प्रीपेमेंट पेनल्टी: SBI में 0-2%, HDFC में 2-4%।
छुपे हुए चार्जेज: स्टैम्प ड्यूटी, लीगल फीस, वैल्यूएशन चार्जेज।
EMI कैलकुलेटर का उपयोग: BankBazaar या Paisabazaar पर जाकर प्लान बनाएँ।
लोन लेने के बाद कैसे करें मैनेज? 5 गोल्डन टिप्स!
EMI को प्राथमिकता दें: सैलरी आते ही पहला पेमेंट कर दें।
ऑटो-डेबिट सेट करें: लेट पेमेंट का चार्ज (₹500-1000) बचेगा।
अतिरिक्त पेमेंट: साल में एक बार प्रिंसिपल अमाउंट चुकाएँ (ब्याज 20% तक कम होगा)।
रीफाइनेंसिंग: अगर किसी दूसरे बैंक में ब्याज दर 1% कम है, तो लोन ट्रांसफर करें।
बजट बनाएँ:
50% आय: ज़रूरी खर्च
20%: EMI
30%: सेविंग/इन्वेस्टमेंट
लोन के साथ निवेश — कैसे पाएँ दोगुना फायदा?
स्ट्रेटजी 1: लोन की बचत को निवेश करें
उदाहरण: होम लोन पर 8% ब्याज दे रहे हैं, और FD पर 7% मिल रहा है → FD से ज़्यादा रिटर्न वाले ऑप्शन्स (जैसे म्यूचुअल फंड) चुनें।
स्ट्रेटजी 2: SIP के ज़रिए कर्ज़ और निवेश का बैलेंस
कैसे? हर महीने 10% आय SIP में लगाएँ (एक्स्ट्रा इनकम EMI चुकाने में मदद करेगी)।
स्ट्रेटजी 3: टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स
PPF: सालाना 1.5 लाख जमा करें (7.1% ब्याज + टैक्स फ्री)।
ELSS: 1.5 लाख तक टैक्स बचत + 12-15% रिटर्न।
लोन से जुड़े 5 मिथक vs हकीकत
मिथक: "लोन लेना गलत है।"
हकीकत: सही प्लानिंग से लोन आपकी नेट वर्थ बढ़ाता है (जैसे होम लोन से प्रॉपर्टी का मूल्य बढ़ता है)।मिथक: "क्रेडिट कार्ड लोन से बेहतर है।"
हकीकत: क्रेडिट कार्ड की ब्याज दर 36-48% प्रति वर्ष है — पर्सनल लोन (12-18%) बेहतर।मिथक: "लोन चुकाने के बाद CIBIL स्कोर खराब हो जाता है।"
हकीकत: समय पर EMI भरने से स्कोर 750+ रहता है।
निष्कर्ष: लोन नहीं, सही फैसला है आपकी ताकत!
लोन एक "फाइनेंशियल टूल" है — इसका सही या गलत इस्तेमाल आप पर निर्भर करता है। अगर आप:
✅ अपनी रिपेमेंट क्षमता को समझें,
✅ ब्याज दर और छुपे हुए चार्जेज की तुलना करें,
✅ लोन के साथ निवेश की स्ट्रेटजी बनाएँ,
तो लोन आपके लिए सपनों की सीढ़ी बन सकता है।